बालाघाट। जिला मुख्यालय में नही हो रहा गुमास्ता एक्ट का पालन

लापरवाही बरतने वालों पर नही कर रहा प्रशासन कार्यवाई
जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने वालों पर किसी प्रकार की कार्यवाई करते नजर नही आ रहे है। वही श्रम विभाग के अन्तर्गत आने वाले गुमास्ता एक्ट में दिए गये निर्देश के अनुसार शहरी क्षेत्र में नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में दुकानों को बंद करने का प्रावधान किया गया है। किन्तु दुकानदार और अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते गुमास्ता एक्ट का पालन दुकानदारों के द्वारा नही किया जा रहा है।
किन्तु अभी कोरोना काल में कोरोना संक्रमण के चलते कुछ दुकानदारों के द्वारा शोसल मीडिया में सप्ताह भर से लेकर १५ से २० दिनों का लॉकडाउन करने हेतु टिप्पणी की जा रही है। लेकिन जो सप्ताह में १ दिन दुकान बंद करने के निर्देश शासन द्वारा दिए गये थे उसका अनुपालन शासन के ही नुमाइंदे दुकानदारों से नही करवा पा रहे है। देखने में तो यह भी आ रहा है कि कुछ दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकानों का गुमास्ता पंजीयन भी नही करवाया गया है। अब इस बारे में शासन-प्रशासन इन दुकानदारों के उपर कोई कार्यवाई भी नही कर पा रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन दुकानदारों के विरूद्ध क्या कारवाई कर पाते है।
कोरोना संक्रमण के पहले गुमास्ता एक्ट के तहत पालन किया जा रहा था लेकिन अभी इस निर्देश का पालन नही किया जा रहा है। वही नगर में पहले से ही मार्केट प्रति मंगलवार बंद रहता था। लेकिन अब नगर में अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से बंद हो रहा है। वही गुमास्ता एक्ट के तहत कई दुकानदारों दुकनों का पंजीयन रिनिवल भी नही करवाया है और कई दुकानदारों ने तो दुकानों का पंजीयन भी नही कराया है।
जिला मुख्यालय पर अधिकांश दुकानदार गुमास्ता कानून का बेधडक़ उल्लंघन कर रहे हैं। श्रम प्रावधान के तहत सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए साप्ताहिक अवकाश रखना अनिवार्य हैं। जिला मुख्यालय में मंगलवार को प्रतिष्ठानों का साप्ताहिक बंद का निर्धारित है। इसके बावजूद भी शहर की दर्जनों व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोले गए।
ये कहता है कानून
मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 की धारा 13 (1) के अंतर्गत प्रावधान है कि गुमास्ता कानून के तहत सप्ताह के एक दिन सभी दुकानदारों को अपनी दुकान बंद रखनी होगी। साथ ही दुकान या स्थापना में काम कर रहे कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी देना होगा।
सीमित कार्रवाई के बाद सुस्ती
श्रम विभाग के अधिकारियों ने पिछले महीने कड़ी कार्रवाई की और गुमास्ता एक्ट का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया लेकिन पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई बंद कर दी गई है। प्राप्त जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय में यहां न तो साप्ताहिक अवकाश का ध्यान रखा जा रहा है और न ही दुकानें समय पर बंद हो रही हैं। नगर में कई दुकान संचालक गुमास्ता एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं।
चेंबर ऑफ कार्मस पर भी उठ रहे सवालिया निशान
जिस प्रकार से कोरोना काल में चेंबर ऑफ कार्मस के द्वारा अपने प्रतिष्ठानों के खोलने और बंद करने के समय को लेकर समय-समय पर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया वहीं गुमास्ता एक्ट को दरकिनार कर अब अपने प्रतिष्ठानों (दुकानों) के सप्ताह में १ दिन बंद रखने को लेकर कभी भी किसी प्रकार का शासन-प्रशासन की ओर ध्यानाकर्षण नही किया गया। सही मायने में माने तो एक ओर जहां चेंबर ऑफ कार्मस अपने मनमानी पर उतारू होता है तो वहीं गुमास्ता एक्ट के अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।
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