हरीश राहंगडाले बालाघाट। मुरम नाला जलाशय मे अनियमितताओं का आलम, अवधि पूर्ण सुदृढ़ीकरण कार्य अपूर्

बालाघाट। वन विकास निगम लामता प्रोजेक्ट के वन परिक्षेत्र लालबर्रा अंतर्गत भांडामुर्री बीट से लगा हुआ मुरम नाला जलाशय जो कि ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया है जिसका सुदृढ़ीकरण कहां है विगत वर्षों से चल रहा है जिस कार्य की अवधि पूर्ण होने के बाद भी कार्य अपूर्ण हैं। विदित हो कि जलाशय के शुद्धिकरण कार्य में ठेकेदार द्वारा भारी अनियमितताएं बरती गई है उक्त स्थान का जायजा लेने से पता चलता है कि वन क्षेत्र से भारी मात्रा में रेत मिट्टी और पत्थरों का खनन किया गया है जलाशय के आसपास पाए जाने वाले पत्थर अमानक स्तर के हैं बावजूद इन पत्थरों को जलाशय की पिचिंग में इस्तेमाल किया गया हैं।
बगैर अनुमति के हुआ है पत्थरों का खनन
ठेकेदार द्वारा वन विभाग से अनुमति लिए बगैर ही रेत, मिट्टी और पत्थर का खनन कर उसका उपयोग जलाशय में किया गया है बताया तो यह भी जाता है कि वन क्षेत्र में पत्थर फोड़ने के लिए ठेकेदार द्वारा बारूद का इस्तेमाल किया जाता था बावजूद विभागीय अधिकारी खामोश रहे जिससे ठेकेदार और वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत समझ में आ रही हैं।
पहुंच मार्ग हुआ जर्जर
मुरमनाला जलाशय तक आसानी से पहुंचने के लिए बनाया गया एप्रोच मार्ग एक साल में ही जर्जर होने लगा है उक्त मार्ग के निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा निम्न स्तरीय मटेरियल उपयोग किया गया होगा जिससे यह मार्ग जगह-जगह से उधड़ रहा है उक्त मार्ग की जांच की मांग क्षेत्रीय जनों द्वारा की जा रही है आशंका जताई जा रही है कि जांच के बाद इस मार्ग में भारी भ्रष्टाचार उजागर हो सकता हैं।
इनका कहना हैं -
कार्य गुणवत्ता पूर्वक किया जा रहा है, अपूर्ण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
यश शुक्ला कार्यपालन यंत्री
सर्वेक्षण जल संसाधन विभाग बालाघाट
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