विपक्ष के बाद कारोबारियों ने भी झारखंड बजट को नकारा, कहा- उद्योग और रोजगार पर रूख स्पष्ट नहीं
रांची. विपक्ष का अलावा हेमंत सोरेन सरकार के बजट को कारोबारियों और अर्थशास्त्रियों ने भी नकार दिया है. झारखंड चेंबर ने बजट को निराशाजनक बताया है. चेंबर के जेनरल सेक्रेटरी राहुल मारू ने कहा कि बजट को लेकर जो सुझाव चेंबर की ओर से वित्त मंत्री को दिए गए थे. उनमें से ज्यादातर बातों को नहीं माना गया. उन्होंने कहा कि बजट में राज्य में उद्योगों के विकास, पलायन और रोजगार को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण नजर नहीं आया. वहीं अर्थशास्त्री धीरज पाठक ने भी बजट को औसत से नीचे करार दिया है.
बता दें कि विपक्ष ने बजट का नकारते इसे लॉलीपॉप करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया. सरकार की एक साल में क्या उपलब्धियां रही हैं, उस पर कोई बात नहीं हुई. झारखंड अलग होने पर उस समय मात्र तेरह हजार करोड़ रुपए का बजट था. तब पूरे देश में झारखंड की चर्चा होती थी. आज के बजट में कुछ खास बातें नजर नहीं आ रहीं, ये सिर्फ लॉलीपॉप है.
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने भी बजट को कूड़ेदान बताया है. पूर्व मंत्री नीलकंठ मुंडा ने बताया कि बजट में कुछ खास नहीं है. प्रदेश की सरकार ने ऐसा बजट लाया है, जिसमें किसानों के लिए कुछ खास नहीं है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि बजट में कोई खास बात नहीं है. बजट में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कुछ भी नहीं है. जनता को गुमराह करने वाला बजट है.
हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 91,270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. बजट में किसान से लेकर रोजगार और गरीब तक के लिए प्रावधान किये गये हैं.
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