राज्यपाल से मिलकर रांची मेयर ने की महिला वार्ड पार्षद की रिहाई की मांग, CM काफिला हमला मामले में है
रांची. मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) से मुलाकात की. और वार्ड पार्षद रोशनी खलखो की रिहाई की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने रांची पुलिस (Ranchi Police) की कार्यशैली पर सवाल भी उठाते हुए प्रदेश में लगातार हो रहे दुष्कर्म के मामले पर हेमंत सरकार को घेरा.
दरअसल ओरमांझी में मिली महिला की सिर कटी लाश की गुत्थी को रांची पुलिस ने भले ही सुलझा ली हो, लेकिन इसका साइड इफेक्ट अभी भी देखने को मिल रहा है. इस हत्या की घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर राजधानी के किशोरगंज चौक पर 4 जनवरी को हमला हुआ. इस मामले में 77 लोगों के खिलाफ पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की, जिनकी गिरफ्तारी अब भी जारी है. आरोपी या तो सरेंडर कर रहे हैं या पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर रही है. इसी सिलसिले में पिछले दिनों वार्ड पार्षद रोशनी खलखो ने कोर्ट में सरेंडर किया था. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया.
बुधवार को रांची मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में निगम के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर वार्ड पार्षद की रिहाई की मांग की. मेयर ने आरोप लगाया कि पार्षद की बच्ची और परिवार के साथ पुलिस बदतमीजी से पेश आ रही है. मेयर ने कहा कि प्रदेश में लगातार आदिवासी युवतियों के साथ दुष्कर्म की वारदात हो रही है. अब तक करीब 800 आदिवासी बेटियों को हवस का शिकार बनाया गया है. ये आंकड़ें बताते हैं कि हेमंत सरकार आदिवासियों के हितों को लेकर कितनी संवेदनशील है.
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि किशोरगंज में जो घटना हुई वो एक तरह से प्रतिकार था. उस भीड़ का समर्थन करना जनप्रतिनिधि के खिलाफ केस की वजह बना, जो सही नहीं है. उन्होंने प्रदेश में लगातार हो रहे दुष्कर्म के मामलों पर सरकार को घेरा.
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