कांग्रेस नेता को उपेक्षित करने जारी हुआ पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यादेश
भोपाल।कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से हटते समय प्रदेश कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया को मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था और उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्रदान कर दिया था। शिवराज सिंह चौहान के सीएम बनने पर धनोपिया को हटाने की कवायद की गई परन्तु वे हाईकोर्ट से स्टे ले आये। अब शिवराज सरकार ने धनोपिया को आयोग में उपेक्षित करने के लिये पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1995 में अध्यादेश लाकर संशोधन कर दिया है।
नये प्रावधान के अनुसार, अब आयोग में एक अध्यक्ष दो सदस्यों के स्थान पर एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं तीन सदस्य होंगे। अभी आयोग में स्थगन प्राप्त अध्यक्ष धनोपिया हैं तथा एक सदस्य शैलेन्द्र पटेल हैं जोकि सीहोर जिले की इच्छावर विधानसभा के पूर्व कांग्रेस विधायक हैं। नये अध्यादेश के जारी होने से अब शिवराज सरकार एक उपाध्यक्ष एवं दो सदस्यों को आयोग में नियुक्त करेगी जिससे आयोग की बैठक में कोरम एवं बहुमत से निर्णय भाजपा का ही रहेगा तथा अध्यक्ष धनोपिया एवं सदस्य पटेल उपेक्षित रहेंगे।
अध्यादेश में यह भी उपबंध किया गया है कि आयोग में एक सदस्य महिला होगी तथा आयोग पिछड़ा वर्गों के अधिकारों एवं रक्षोपाय से कोई पात्र वंचित रह गया हो तो ऐसी शिकायतों की जांच कर सकेगा। अध्यादेश में यह भी उपबंध किया गया है कि राज्य सरकार, पिछड़ा वर्गों को प्रभावित करने वाले सभी मुख्य नीति विषयक मामलों पर आयोग से परामर्श कर सकेगी।
जेपी धनोपिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का जो आदेश दिया है उससे वे आयोग के अध्यक्ष भी हैं और राज्य सरकार द्वारा उन्हें हटाने तथा केबिनेट मंत्री सहित विभिन्न सुविधायें छीनने के निर्णय भी लागू हैं। आयोग में पांच सदस्यों जिनमें एक अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष रहेगा, का प्रावधान करने से भाजपा सरकार ने आयोग में अपना बहुमत बनाया है।
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