आपके लिए इसका मतलबः उमा भारती के शराबबंदी अभियान के ऐलान से सांसत में सरकार
भोपाल. मध्य प्रदेश में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार (Shivraj Government) भले ही राज्य में शराब दुकानों (Liquor Shops) की संख्या बढ़ाने के विचार पर किसी नतीजे पर न पहुंची हो, लेकिन भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुश्री उमा भारती (Uma Bharti) ने शराब दुकानों को बंद करने के लिए टीकमगढ़ से अभियान चलाने के ऐलान ने सरकार को सांसत में जरूर डाल दिया है. उनके और कुछ अन्य नेताओं के विरोध के बाद नई शराब दुकानें खोलने का फैसला करना सरकार के लिए अब आसान तो बिल्कुल भी नहीं होगा.
सियासत में उमा भारती की छवि एक जिद्दी, हठी और धुनी नेता की है. वह खुद इस बात को मानती भी हैं कि जो ठान लेती हैं, वह करके रहती हैं. हाल ही एक निजी बुंदेलखंडी भाषायी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मुझसे जो कहा जाता है, या मैं जो ठान लेती हूं, वह करके दिखाती हूं. अब मैं जनजागरण के माध्यम से शराब के खिलाफ अभियान छेड़ने जा रही हूं. अपने इस अभियान की शुरुआत गृह जिले टीकमगढ़ से करूंगी.' उन्होंने कहा, 'सबसे पहले में मैं अपने 500 की आबादी वाले गृह ग्राम डूंडा की शराब दुकान बंद कराऊंगी, उसके बाद पूरे जिले की शराब दुकानें बंद करने के लिए अभियान छेड़ने वाली हूं. परिवार के मुखिया की शराबखोरी की आदत के कारण महिलाएं ज्यादा परेशान रहती हैं और मेरा विश्वास है कि उन सबका मुझे दुकानें बंद कराने में सहयोग मिलेगा.' विरोध के सवाल पर वह बोलीं कि 'देखती हूं, मेरा विरोध कौन करता है, एक 100 डंडी और एक बुंदेलखंडी वाली कहावत सुनी है न, जब मैं खड़ी होउंगी, तो देखेंगे सामने कौन आता है.'
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